Taj mahal की खुबिया के बारे में आप भी नहीं जानते तो अभी देखें क्या है वो खुबिया
Taj mahal भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित एक विश्व धरोहर है। जो दुनिया 7 अजूबों में से एक है | Taj mahal विश्व धरोहर है |
Taj mahal history
ताजमहल, जिसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है, विश्व धरोहर स्थलों में से एक है और अपनी अद्वितीय वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन इस महान स्मारक से जुड़े कुछ ऐसे रहस्य और विशेषताएँ हैं, जो शायद कम ही लोग जानते हैं। आइए, ताजमहल की कुछ अनसुनी खूबियों पर नज़र डालते हैं।
1. बदलते रंगों का जादू
ताजमहल की सबसे अनोखी विशेषता है उसका दिनभर में बदलता हुआ रंग। सुबह की कोमल रोशनी में यह गुलाबी आभा लिए होता है, जबकि दोपहर की तेज धूप में यह चमकदार सफेद दिखाई देता है। शाम के समय यह सुनहरी रंगत में ढल जाता है, और चांदनी रात में यह एक अद्भुत नीली चमक बिखेरता है। यह बदलते रंग ताजमहल की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं और इसे देखने वालों के लिए एक नया अनुभव प्रदान करते हैं।
2. स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना
ताजमहल का निर्माण इस प्रकार किया गया है कि उसकी चारों मीनारें मुख्य मकबरे से थोड़ी बाहर की ओर झुकी हुई हैं। यह डिज़ाइन विशेष रूप से इसलिए किया गया है ताकि किसी भूकंप या प्राकृतिक आपदा के दौरान मीनारें गिरने पर मुख्य मकबरे को नुकसान न पहुंचे। यह मुगल वास्तुकला की तकनीकी कुशलता का प्रतीक है।
3. उस्ताद अहमद लाहौरी: मुख्य वास्तुकार
बहुत कम लोग जानते हैं कि ताजमहल के मुख्य वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी थे। उनकी देखरेख में इस स्मारक का निर्माण हुआ, जो आज विश्वभर में भारतीय स्थापत्य कला की पहचान बना हुआ है।
4. काला ताजमहल: एक अधूरी कल्पना
एक प्रचलित कथा के अनुसार, शाहजहाँ ने यमुना नदी के दूसरी ओर काले संगमरमर से एक और ताजमहल बनाने की योजना बनाई थी, जो उनके लिए समर्पित होता। हालांकि, यह परियोजना उनके पुत्र औरंगज़ेब द्वारा सत्ता संभालने के बाद अधूरी रह गई। यह अधूरा सपना आज भी इतिहासकारों और पर्यटकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
5. बुरहानपुर: मुमताज़ की अस्थायी समाधि
बहुत कम लोग जानते हैं कि मुमताज़ महल की मृत्यु बुरहानपुर में हुई थी, जो अब मध्य प्रदेश में स्थित है। उनका प्रारंभिक दफन वहीं किया गया था, बाद में उनकी अस्थियाँ आगरा लाकर ताजमहल में दफनाई गईं। बुरहानपुर में आज भी वह स्थान मौजूद है, जहां मुमताज़ को अस्थायी रूप से दफनाया गया था।
6. निर्माण में लगे समय और कारीगरों की संख्या
ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 में शुरू होकर 1653 में पूर्ण हुआ। इसमें लगभग 22 वर्षों का समय लगा और करीब 20,000 कारीगरों ने इसमें अपना योगदान दिया। इन कारीगरों में भारत के अलावा तुर्की, फारस और अन्य देशों के शिल्पकार भी शामिल थे, जिन्होंने इस स्मारक को विश्व का अद्भुत आश्चर्य बनाया।
7. बुरहानपुर का काला ताजमहल
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में एक ऐतिहासिक धरोहर 'काला ताजमहल' स्थित है, जो शाहनवाज खान का मकबरा है। यह मकबरा ताजमहल के आकार का है, हालांकि आकार में छोटा है और काले पत्थरों से बना है। यह मकबरा उतावली नदी के तट पर स्थित है और एक बगीचे से घिरा हुआ है। यहां आने वाले पर्यटकों के लिए यह एक अनोखा आकर्षण है, जो मुगलकालीन वास्तुकला की विविधता को दर्शाता है।
ताजमहल की ये अनसुनी खूबियाँ हमें यह एहसास कराती हैं कि यह स्मारक केवल प्रेम का प्रतीक ही नहीं, बल्कि वास्तुकला, इतिहास और संस्कृति का एक अनमोल खजाना भी है। हर बार जब हम ताजमहल को देखते हैं, तो इसकी नई-नई विशेषताएँ हमें मंत्रमुग्ध कर देती हैं और हमें हमारे समृद्ध इतिहास पर गर्व महसूस होता है।
Taj mahal photos
Taj mahal drawing
Taj mahal timings
Taj mahal सप्ताह के हर दिन खुला रहता है, शुक्रवार को छोड़कर, यह केवल दोपहर में खुला रहता है जब लोग नमाज के लिए ताज मस्जिद में जाते हैं। Taj mahal प्रतिदिन सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच खुला रहता है।
Post Your Comment